Hanuman Chalisa Konkani

Hanuman Chalisa Konkani दोहा श्री गुरु चरण सरोज रज निजमन मुकुर सुधारि । वरणौ रघुवर विमलयश जो दायक फलचारि ॥ बुद्धिहीन तनुजानिकै सुमिरौ पवन कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ॥ ध्यानम् गोष्पदीकृत वाराशिं मशकीकृत राक्षसम् । रामायण महामाला रत्नं वंदे-(अ)निलात्मजम् ॥ यत्र यत्र रघुनाथ कीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम् । भाष्पवारि … Read more